पात्र परिचय: इन्द्र‚ टी वी‚ दरबारी‚ हैकर‚ अपहरणकर्ता
(पहला दृश्य – इन्द्रलोक का दृश्य‚ इन्द्र का अपने दरबारियों के साथ में दरबार में प्रवेश। आज पृथ्वी से आये अपराधी का निर्णय होना है)
बा अदब‚बा मुलाहिज़ा होशियार‚ इन्द्रलोक के महाराज इन्द्रदेव पधार रहे है।
(पर्दा उठता है)
इन्द्र: आज इन्द्रलोक में ताज़ा खबर क्या है।
दरबारी: प्रभूदेव‚ हम इस अपराधी को आपके सामने पेश करना चाहते है।
इन्द्र: कौन है ये और क्या अपराध है इसका?
दरबारी: यह इकीसवीं सदी का मानव है। इसे हैदरापुर के महाराज चन्द्रबाबूजी ने यहां पर भेजा है।
कहते है कि ये इन्टरनेट का हैकर(दुरुप्रयोग) करने वाला है।
इन्द्र: क्या चन्द्रबाबूजी की कचहरी में वेटिंग लाइन है? ये हैकर का क्या चक्कर है?
दरबारी: हमें पता नहीं सरकार।हमारे इन्दनगरी में यह शब्द कहीं भी नहीं है।
इन्द्र: ठीक है‚ टी .वी . कहां है?
हैकरः इन्द्रदेव‚ आपके यहां टी .वी . भी है?
(इन्द्र प्रश्न का कोई उत्तर नहीं देते है‚ टी .वी . का प्रवेश)
टी . वी: आगया‚ प्रभुदेव‚ आपने हमें पुकारा।
हैकर: अरे‚ आपने तो टी .वी .के लिए कहा था। ये कौन है?
इन्द्र: जब से नारद मुनि इच्छित सेवानिवृति लेकर फ्लोरिडा चले गए है
हमने टी . वी . को इन्द्रलोक बुला लिया है।
टी .वी . यहां के टेलीपैथिक वरादाचारी!
इन्द्र: अच्छा टी .वी . ये बताओ कि इनटरनेट हैकर क्या होता है?
टी .वी.: प्रभुदेव‚ 21 वी सदी के मानव अन्तरनाथ को इन्टरनेट कहके पुकारते है‚ जय हो अन्तरनाथ की!
इन्द्र: आज से यह शब्द हमारे इन्द्रनगरी में नोट कर लिया जाए। इसका पर्यायवाची होगा इन्द्रनेट।
दरबारी: इस मानव ने अन्तरनाथ का अपमान किया है।
इन्द्र: घोर अन्याय! इसे कड़ी से कड़ी सजा. देनी चाहिए।
हैकर: इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है। यह तो वैज्ञानिकी की करामात है।
टी .वी.: आह… मुझे कपिल अरन्य से सिगनल मिल रहा है।
इन्द्र: कपिल अरन्य! हमें तो उस से नफरत है…… याद नहीं‚ हमपर अश्वमेद्य को छुपा देने का आरोप लगा था।
मानव: तो आपको क्या सज़ा हुई?
दरबारी: चुप रहो‚ मानव।
टी .वी.: नहीं‚ नहीं आजकल कपिल अरन्य में मानव रहता है‚ बिल्कुल इसकी तरह (हैकर की तरफ इशारा)
(टी वी अपने चैनलो को ठीक करने लगा)
टी वी: कपिल अरन्य से मुझे सबीरा नन्द बद्र का सिगनल मिल रहा है ।
इन्द्र: टी वी ठीक तरह से फ्रीक्वैन्सी सिनक्रोनाइस करो।
टी वी: आह आह रूकावट…डॉपलर…सी आई ऐ का सिगनल
इन्द्र: सी आई ऐ की ये मजाल‚ कि इन्द्रलोक तक पहुंच गए।
टी वी: नही यह वह सी आई ऐ नही है। यह तो कोलकता बुद्धिजीवी संस्था है!!…
आह फिर से सिगनल में गड़बड़।
हैकर: मै मदद करूं।
इन्द्र: चुप रहो हैकर
टीवी: ऑल क्लीयर…हूं… सबीरानन्द कहते है इस हैकर को डी एस एल दो।
इन्द्र: डी एस एल क्या है?
मानव: जय हो सबीरानन्द की‚ अब मुझे डी एस एल मिलेगा
टी वी: डी एस एल‚ यानि डेड़ सौ लात।
इन्द्र : बिल्कुल ठीक कहा सबीरानन्द ने।
टी वी: प्रभुदेव‚ फिर से सिगनल में गड़बड़ है। अब कोई बिलानंद घेटेश्र्वर है ।
इन्द्र : उसे क्या चाहिए… कुबेर के पास भेज दो।
टी वी: यह कहता है कि इन्द्रलोक के सब घरों में खिड़किया लगा दो…2000 खिड़कियां।
इन्द्र : यार‚ ये बिलानंद कोई पागल लगता है। अगर हम इतने विन्डोस लगा देगे‚ तो वॉल ही नहीं रहेगी…
फिर तो हमें वॉल स्ट्रीट जाना पड़ेगा।
टी वी: ओह‚ ओह‚ और एक सिगनल‚ अब कोई स्टीव हरी जौबस्पती है‚ कहते है आपको ढेर सारे एैप्पल देंगे।
हैकर: नहीं मुझे तो सिर्फ पी सी चाहिए।
इन्द्र: पीसी‚ हा हा हा… यमराज के यहां जाओ और चक्की पीसो।
इन्द्र: टी वी चैनल बदलकर हमारे जासूस जॉर्ज गिरी फरनानडेश्वर का पता करों।
(उसी समय‚ एक दरबारी किसी यंत्र के साथ वहां आता है)
दरबारी: प्रभुदेव‚ ये हमें आपके आंगन में मिला।
इन्द्र: क्या है ये वस्तु?
हैकर: अरे यह तो पाथफाइन्डर है‚ वहीं जो नासा ने मार्स की ओर भेजा था।
इन्द्र: अच्छा तो अब हमीं पे जासूसी…अरे कोई है‚ हमारे फौज से कहो कि जाकर धरती के ऊपर
पत्थरों की बारिश करें…सोचेंगे कि…वो क्या है…मीटियोराइट्स…ही‚ही‚ही।
दरबारी: प्रभुदेव‚ जॉर्जगिरी यहां नही आ सकते है। उनके यहां टैक्सी स्ट्राइक हो गया है।
लेकिन उन्होने संदेश भेजा है कि हैकर को मीसा के दरम्यान अंदर कर दो।
इन्द्र: अरे मीसा से तो हमें भी नफरत है।
टी वी: यह मीसा‚ यहां के मेन्टेनेन्स ऑफ इन्टरनेट सिक्योरटी एक्ट।
इन्द्र: ठीक है‚ अब इस कचहरी को एडजर्न कर दो।
(दूसरा दृश्र्य)

दरबारी: सरकार‚ एक और अपराधी पेश है आपके सामने।
इन्द्र: मेरे ख्याल से कलयुग आ गया है। बहुत अपराध हो रहा है।
दरबारी: प्रभुदेव हमें खबर मिली है कि यह एक हाइजैकर है।
टी वी: पिछले महीने‚ इन्द्रलोक से वायुदूत को ऐसे ही एक मानव भगाकर ले गया।
दरबारी: यह मानव ताली–मे–बान लेकर कन्धारनगरी की ओर जा रहा था।
इन्द्र: इसे मुर्गी की तरह फ्राई करदो और केन्टकी भेज दो।
हाइजैकर: नहीं‚ मैं बेगुनाह हूं।
इन्द्र: हम तुम्हारे आई जे को चूसकर तुन्हे हाइजैकर से हैकर बना देंगे।
हाइजैकर: ये आई जे क्या होता हैं।
इन्द्र: आई जे यानि कि इन्द्र जाल
हाइ जैकर: रहम करों प्रभुदेव……
हैकर: प्रभुदेव‚ इसके हाउस में जाकर इसके माउस को छीन लो‚ ताकि यह ब्राउस न कर सके।
टीवी: नारदमुनि का सिगनल है‚ फ्लोरिडा से‚ कहते है उसे दो व्यक्ति चाहिए। कुछ भी लैंगव्येज चलेगा!!!
इन्द्र: है‚ लैगव्येज! नारद को क्या हो गया?
टीवी: नारदजी कहते है कि सॉफ्टवेयर नहीं तो हार्डवेयर चलेगा।
दरबारी: रूबल नहीं तो डॉलर चलेगा।
इन्द्र: (टी वी से फोन लेकर) कहो नारद जी, क्या हाल हैं? फ्लोरिडा में सब खुशहाल तो है!……
इन्द्र: क्या‚ आप बॉडी शेपर बन गए है‚ शिव शिव……… वीसा मिल जायेगा?
नारदजी‚ आप क्या कह रहे है। कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
टी वी‚ तुमही समझाओं नारदजी को।
टी वी: हां‚ नारद जी… अच्छा‚अच्छा… डिमान्ड और सप्लाई की बात है। हां हमारे पास वैसे दो मानव है‚
लेकिन दोनों अपराधी है… नहीं समझ में नहीं आ रहा है इन्हे क्या दंड दिया जाए।
इन्द्र: नारदजी के पास कोई समाधान(सॉल्यूशन) है?
टी वी : नारदजी कहते है इन्हे फ्लोरिडा भेज दो। इन्हे प्रोगाम लिखवाने की सज़ा देंगे।
इन्द्र: ठीक है‚ नारदजी के पास इन्हे बीम कर दो।
और हां उस विलियमेन्द्र शैटनर से कहो गलती से बार–बार यहां न आया करें।
बीम मी अप स्कौटी!!!
हैकर: नहीं‚ मुझे कोडिंग की सज़ा मत दो।
अपहरणकत्र्ता: मैं तो डीकोड कर दूंगा‚ कोई बात नहीं।
दरबारी: नारदजी‚ क्या आप तैयार है‚ 2 मानवस् टू गो!!

( परदा गिरता हैं)

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आज का विचार

जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं हैं।

आज का शब्द

जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं हैं।

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