कल चुपके से चुरा
तुम्हारे पंख लगा लिए थे
मैने
थोड़ा सा उड़ कर देखा था
उस छोटी सी उड़ान
और कुछ पलों में अनुभूत किया था
मैने कि
देह धुल गई है हवाओं में
आत्मा उड़ रही है
एक रूई के फाहे सी भारहीन हो
या
आक के रेशेदार बीज सी
हवा के साथ यहां–वहां !!
कविताएँ
एक छोटी सी उड़ान
आज का विचार
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
आज का शब्द
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।