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तस्वीर
टेबल पर रखी तस्वीर धूल के परतों से मुझे निहार रही थी । मुझे लगा कि मुझ पर हंस रही है किसी ने कहा आपकी तस्वीर बहुत अच्छी है मैं ने कहा वो मेरी तस्वीर नहीं वो तो किसी ने मेरा इक पल का बनावटी चेहरा महज कैद कर लिया है। – महेश झा |
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