तरह तरह के रिश्तों की
चट्टानों‚ पत्थरों और रेत से
बहकर
हर बार यह रिश्ता
और पारदर्शी
और चमकीला हुआ है
ज़रा भर कर देखो तो‚
अपनी अंजुरियों में
कैसा झिलमिलाता है
यह मानवीयता का रिश्ता !
कविताएँ
पारदर्शी
आज का विचार
“जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।
आज का शब्द
“जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।