तुम कौन हो ?
मन में ढेरों ज्वार लिये
मगर यों शान्त , एक महासागर
या
एक साधना कक्ष
जहॉं प्रविष्ट होते ही
मैं सारे विकारों से परिमुक्त ,
शान्त हो जाती हूँ।
कविताएँ
साधना कक्ष
आज का विचार
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
आज का शब्द
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते।