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सियासत
सियासी हो तो सियासती इकरार होना चाहिए,
दोस्ती में भी भला कोई मजहब घुसाता है?
हर चीज को देखते हो मजहबी आईने में,
जानवरों को बचाना यदि है फिरकापरस्ती,
'दीना' सियासत जितनी ही बुरी हमारी सोच है,
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