मुखपृष्ठ  |  कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | फीचर | बच्चों की दुनिया भक्ति-काल धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |  संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन स्वास्थ्य | साहित्य कोष |

 

 Home | Boloji | Kabir | Writers | Contribute | Search | FeedbackContact | Share this Page!

 

तोता  

बच्चों पहचानते हो न इस पक्षी को, बहुत प्रिय है न ये पक्षी आपको इस पर कितने गीत कितनी कविताएं बचपन से ही गुनगुनाई होंगी तोता! हाँ ये तो उसका प्रचलित नाम है लेकिन इसका अंग्रेजी नाम  रोज रिंग्ड पेराकीट है और वैज्ञानिक नाम  सिटाक्यूला क्रेमरी  है

पूरे विश्व में कई प्रकार के विभिन्न रंगों के तोते मिलते हैं, खास तौर पर अफ्रीका में
भारत में भी 6-7 किस्म के तोते पाए जाते हैं पर हम आस-पास की बात कर रहे हैं हमारे आस-पास आमतौर पर दिखने वाले तोतों में रोज रिंग्ड पेराकीट आसानी से मिल जाता है हाँ तक कि हर सुबह-शाम ये आस-पास के पेडों पर शोर मचाते, मस्ती करते दिख जाते हैं

इसका आकार आप जानते ही हो, रंग और आकृति भी पर हाँ जो इसके गले में काली और गुलाबी रिन्ग होती है वह मादा रोज रिंग्ड पेराकीट में नहीं होती इसकी लाल सुर्ख, छोटी और मुडी हुई चोंच फल कुतरने में बेहद उपयोगी होती है

यह पूरे भारत में आपको कहीं भी आसानी से दिख जाता है चाहे वह हिमालय की तराई हो या राजस्थान के कम पे
डों वाले इलाके, दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों तक

इसकी आदतें भी आपसे छिपी नहीं हैं
यह हमारे बहुत आस-पास रहता है, शहरों-गाँवों के रिहायशी इलाकों में भी आराम से रहता है, ज्यादातर अपने शोरगुल वाले झुण्ड में रहना पसंद करता है यह बहुत नुकसान भी पहुँचाता है, फलों के बागों और हमारी फसलों को इसकी प्रकृति ही ऐसी है कि यह खाता कम नुकसान ज्यादा करता है

इसकी आवाज भी आप जानते हैं, तीखी क्रीक क्रीक क्रीक, चाहे उड रहा हो या बैठा हो यह शोर मचाता ही है
इसकी उडान तेज गति वाली और सीधी एक दिशा में होती है यह एक लोकप्रिय पालतू चिडिया है, लोग इसे पिंजरे में रखना पसंद करते हैंयही इसका दुर्भाग्य है कि हर साल बहुत बडी संख्या में छोटे तोतों को पकडा और बेचा जाता है ये सीखने में बहुत अच्छे जो होते हैं आपकी आवाज की पिच पकड क़र लगभग वैसा ही दोहराने की इनमें क्षमता होती है ये खिलोने वाली तोप को लोड कर चलाने जैसा काम भी सीख जाते हैं, इसलिये सर्कस तथा जमीन पर तमाशा दिखाने वाले इस पक्षी का दुरूपयोग करते हैं

इसका नीड बनाने का समय फरारी से अप्रेल के बीच होता है
इनके घोंसले वैसे तो पेडों के कोटरों में होते हैं और किसी तोते के छोडे हुए घोंसले में भी अण्डे दे देते हैं रिहायशी-गैररिहायशी बिल्डिंग्स की दीवारों तथा ऊंची चट्टानों के होल्स में भी ये आराम से घोंसला बना लेते हैं एक बार में ये 4-6 अण्डे देते हैं और ज्यादातर पक्षियों की तरह नर व मादा रोज रिंग्ड पेराकीट अपनी घरेलू जिम्मेदारी मिल-जुल कर निभाते हैं

अब मैं आपको आसपास पाये जाने वाले एक और रंगीन खूबसूरत तोते की जानकारी दूं
गा

यह है ब्लॉसम हेडेड पेराकीट और इसका वैज्ञानिक नाम है सिटाक्युला सायनोसिफला यह वैसे तो पूरे भारत में पाया जाता है किन्तु आम तोते रोज रिंग्ड पेराकीट की तरह एकदम शहर या शोरगुल वाले इलाकों की जगह इसे ज्यादा पेडों वाले शहर, कस्बों के बाहर वाले इलाके पसंद आते हैं

इसका आकार और आकृति तो रोज रिंग्ड पेराकीट की तरह ही होती है किन्तु इसका सर लाल होता है जिस पर कहीं कहीं नीले रंग से शेडेड होता है
और कन्धे के परों पर गहरे लाल रंग का एक धब्बा होता है लेकिन मादा ब्लॉसम हेडेड पेराकीट में सर लाल न होकर हल्का सलेटी सा होता है और एकदम चमकते पीले रंग का कॉलर होता है और परों का लाल धब्बा नदारद होता है

यह भी झुण्ड में रहते हैं मगर शहर के बाहर जहाँ
जंगल आरंभ हो जाते हैं वहाँ इसकी उडान की गति तेज होती हैऌनकी आवाज तीखी टूंइ-टूंइ-टूंइ टाँय सी होती है इनका भोजन भी फलों और फसलों पर निर्भर होता है, जिसका ये इस्तेमाल तो करते हैं किन्तु नुकसान भी पहुँचाते हैं

इसका नीड बनाने का समय जनवरी से मई के बीच होता है
इनके घोंसले वैसे तो पेडों के कोटरों में होते हैं और किसी तोते के छोडे हुए घोंसले में भी अण्डे दे देते हैं आस पास के पेडों पर कई जोडे क़ॉलोनी के रूप में घोंसले बना लेते हैं एक बार में ये 4-6 अण्डे देते हैं और ज्यादातर पक्षियों की तरह नर व मादा  ब्लॉसम हेडेड पेराकीट अपनी घरेलू जिम्मेदारी मिल-जुल कर निभाते हैं

अच्छा बच्चों, अगली बार भी एक नए पक्षी की जानकारी लेकर मैं आपसे मिलूँ
गा, 15 अप्रेल को

तुम्हारा मनोज अंकल
स्टेट कॉर्डिनेटर ऑफ इन्डियन बर्ड नेटवर्क
अप्रेल 1, 2001
 


आवाज़ें पक्षियों की 
कठफोड़वा
कस्तूरी    
किंगफिशर  
तोता  
नीलकण्ठ 
बया 
बी-ईटर
मोर
शकरखोरा  
शाह बुलबुल
स्टॉर्क परिवार के पक्षी 
स्पून बिल-जलीय पक्षी
सूरज की शहजादी पीलक 
हुदहुद

Top  
 

Hindinest is a website for creative minds, who prefer to express their views to Hindi speaking masses of India.

 

 

मुखपृष्ठ  |  कहानी कविता | कार्टून कार्यशाला कैशोर्य चित्र-लेख |  दृष्टिकोण नृत्य निबन्ध देस-परदेस परिवार | बच्चों की दुनियाभक्ति-काल डायरी | धर्म रसोई लेखक व्यक्तित्व व्यंग्य विविधा |  संस्मरण | साक्षात्कार | सृजन साहित्य कोष |
 

(c) HindiNest.com 1999-2021 All Rights Reserved.
Privacy Policy | Disclaimer
Contact : hindinest@gmail.com