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……… परेशान न होना
राहें लगें सुनसान, परेशान न
होना
तो क्या हुआ जो बच्चे तुम्हें
पूछते नहीं
सारी उम्रर पड़ोसी को करते रहे
हैरान
हैवानियत का नंगा नाच दिखता हर
तरफ़
महंगाई बढ़ रही है, नहीं होता
गुज़ारा
जो गांव, शहर, मुल्क छोड़ आ बसे
यहां
सारी कमाई ज़िन्दगी की तुमने
लगा दी
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